Wednesday, 31 July 2013

मैत्री

                  

मैत्री असावी पाण्यासारखी 
         निर्मळ, नितळ, स्वछ जशी
मैत्री असावी समुद्रासारखी 
         उधाण आलेल्या बेधुंद लाटच जशी
मैत्री असावी घनदाट वृक्षासारखी
          थकलेल्या जीवाला सावली देणारी
मैत्री असावी स्वच्छंदी
           फुलपाखरासारखी 
मैत्री असावी नात्यांपलीकडची
             जात, धर्म,वय, भाषा न झुगारणारी
मैत्री असावी अशी 
                की शब्दांत न मांडता येणारी
पण सुखं दु:खात नि:शब्द साथ देणारी
               अन् चिरंतन टिकणारी


No comments:

Post a Comment